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आज का मुक्तक

आपकी बुद्धि को उत्प्रेरित करने के लिए हमारा दैनिक कैप्सूल

You cannot see That which is the Seer of seeing; you cannot hear That which is the Hearer of hearing; you cannot think of That which is the Thinker of thought; you cannot know That which is the Knower of knowledge. This is your Self, that is within all; everything else but this is perishable.
-Brihadaranyaka Upanishad

अपना भविष्य जानें...
हम आपके लिए भाग्य के नियमों का अर्थ प्रस्तुत करते हैं।

अस्तित्व का रहस्य

अस्तित्व के रहस्य को भारतीय दर्शन में विस्तार से बताया गया है और प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान के स्तंभ उपनिषदों में इसका विस्तृत विवरण पाया जा सकता है। इस प्रणाली में हमारे वर्तमान जीवन को जन्म और मृत्यु के चक्रों की एक बहुत बड़ी श्रृंखला का एक छोटा सा हिस्सा माना जाता है।

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हमारा एस्ट्रो-रोबोट

हमारा एस्ट्रो-रोबोट एक कम्प्यूटरीकृत गणना-प्रणाली है जिसे आपको प्राचीन भारतीय ज्योतिष प्रणाली की गहराई और शुद्धता का अनुभव करने के लिए तैयार किया गया है। हमने एक मशीन की सटीकता और गणना-शक्ति को ऋषियों के दिव्य ज्ञान के साथ जोड़ा है। इसकी क्षमता को कम मत आंकिए, हालाँकि यह भविष्य में विकास के विभिन्न चरणों से गुज़रेगा।

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वैदिक ज्योतिष क्या है?

वैदिक ज्योतिष शब्द हमें दुनिया के सबसे प्राचीन धर्मग्रंथों ‘वेदों’, से जुड़ी किसी चीज़ की याद दिलाता है।

सच है, वैदिक ज्योतिष की जड़ें वेदों अर्थात् हिंदुओं के सर्वोच्च ज्ञान की पुस्तकों में हैं, जो दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है। यह वेदांगों में से एक है। इसकी उत्पत्ति ऋषियों की दिव्य दृष्टि से हुई थी। प्राचीन ऋषियों में सबसे महान वशिष्ठ थे और उनके पौत्र थे पाराशर जिनसे वैदिक ज्योतिष की उत्पत्ति को जोड़ा जाता है। उनकी महान रचना ‘बृहत् पाराशर होरा शास्त्र’ आज तक के सभी ज्योतिषीय शास्त्रों और उन पर लिखी गयी टीकाओं का स्रोत है।

वैदिक ज्योतिष का मूल नाम ‘ज्योतिष’ या ‘प्रकाश का विज्ञान’ है। यह हमें ‘कर्म के नियम’ के बारे में बताता है, जो इस वैदिक ज्योतिष का एकमात्र आधार है। कर्म का नियम जन्मों की एक श्रृंखला के माध्यम से संचालित होता है, वर्तमान जन्म उस लंबी श्रृंखला का एक छोटा सा हिस्सा है। कोई भी व्यक्ति जो बोता है वही काटता है, यही मार्गदर्शक सिद्धांत है। आपको कार्य करने या न करने की स्वतंत्र इच्छा मिली हुई है, लेकिन एक बार कार्य हो जाने के बाद, कर्म का यह नियम क्रियाशील हो जाता है और अपने परिणाम लाता है। हमारे ऋषियों ने परमानंद की स्थिति में इस सत्य को महसूस किया था। इसलिए, 'भाग्य' केवल 'अदृष्ट कर्म' है, हमारा अपना कर्म जिसे हम देख नहीं सकते। इसलिए, आने वाला भविष्य हमारा अतीत ही है, हमारे पिछले कर्मों का परिणाम

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हमारा एस्ट्रो-रोबोट

श्रेष्ठता का अनुभव करें - कम्प्यूटरीकृत क्षमता के साथ

जैसा कि नाम से पता चलता है, हमारा एस्ट्रो-रोबोट एक कम्प्यूटरीकृत गणना-प्रणाली है जिसे आपको प्राचीन भारतीय ज्योतिष प्रणाली की गहराई और शुद्धता का अनुभव करने के लिए तैयार किया गया है। हमने एक मशीन की सटीकता और गणना-शक्ति को ऋषियों के दिव्य ज्ञान के साथ जोड़ा है। हम आपको विश्व में कहीं भी और किसी भी समय धूर्तता रहित ज्योतिषीय सेवाएँ देने का वचन देते हैं - आपको किसी अपॉइंटमेंट की ज़रूरत नहीं है, आप इसे अपने घर से सुविधानुसार और निःशुल्क आज़मा सकते हैं। हम ज्योतिष अथवा भाग्य में पूर्व-विश्वास की माँग नहीं करते, बल्कि हम विश्वास पैदा करते हैं - और यही सबसे महत्वपूर्ण अंतर है। हम आपको विश्वसनीय परिणाम देने का प्रयास करते हैं और इस तरह भविष्यवाणी की इस सदियों पुरानी दिव्य प्रणाली के प्रति आपका विश्वास जगाते हैं.

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